डेस्क : असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) पर उठे विवाद और आशंकाओं को दूर करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को राज्यसभा में जवाब दिया। गृह मंत्री ने कहा कि एनआरसी पर उठाई जाने वाली विपक्ष की आशंकाएं निर्मूल हैं। एनआरसी देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है और किसी भी देश की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने नागरिकों की वास्तविक संख्या के बारे में जानकारी रखे। राजनाथ सिंह ने कहा कि दिवंगत राजीव गांधी जब देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय असम समझौते के जरिए 1985 में एनआरसी की प्रक्रिया शुरू की गई और एनआरसी को अपडेट करने का फैसला 2005 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लिया गया। उन्होंने कहा कि एनआरसी पर सभी राजनीतिक दलों निजी प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है।
गृह मंत्री ने कहा कि असम एनआरसी की पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई है। राजनाथ ने कहा, ‘मैं यह दोहराना चाहूंगा कि यह फाइनल ड्राफ्ट नहीं है। यदि किसी का नाम इस एनआरसी में नहीं है तो उसे अपील करने का मौका मिलेगा। एनआरसी के निर्माण में पूरी तरह से निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई गई है। कुछ लोगों ने एनआरसी को लेकर अवांछित आरोप लगाए हैं जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।’
