चैनल हिंदुस्तान डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पेश बजट में नया ऐलान करते हुए कहा था कि अब साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा निकासी करने वालों पर 2 फीसदी का TDS (स्रोत पर काटा गया कर) देना होगा। काले धन की आवाजाही पर अंकुश के लिए वित्त मंत्री ने संभवत: यह ऐलान किया है। एक अनुमान के अनुसार साल में ऐसी बड़ी रकम जमा करने वाले लोग, फर्म आदि की संख्या करीब 1.75 लाख है।
एक अंग्रेजी अख़बार के मुताबिक साल 2017-18 में 1.75 लाख से ज्यादा एंटिटी (लोग, कंपनियां, संस्थाएं आदि) ने साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम निकाली है। इसमें कुछ हिस्सा कानून सम्मत तरीके से सही है, तो कुछ गलत भी हैं। ऐसी कुछ निकासी ATM मैनेज करने वाली कंपनियों, कारोबारियों आदि की वैध धन होती हैं, जबकि बहुत से उदाहरण गलत लोगों द्वारा निकाले गए धन के भी हैं। कई मामलों में ऐसा देखा गया कि इसके लिए जिस पैन का उल्लेख हुआ वह फर्जी था।
अब ऐसी निकासी पर 2 फीसदी का टीडीएस लगाकर सरकार यह उम्मीद कर रही है कि ऐसे सभी लोगों, फर्मों पर नजर रखा जा सकेगा और ये लोग सही पैन बताने को मजबूर होंगे, क्योंकि एडवांस टैक्स के भुगतान के समय इसका समायोजन कराना चाहेंगे।
अखबार के अनुसार, साल 2017-18 में एक लाख से ज्यादा PAN धारकों ने 1 से 2 करोड़ रुपये सालाना कैश निकाले. इसके अलावा करीब 500 एंटिटी ऐसे थे जिन्होंने अपने खातों से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी निकाली। मूल्य के हिसाब से देखें तो कुल निकासी का करीब आधा हिस्सा 100 करोड़ रुपये से ज्यादा निकासी करने वालों का ही था। गौरतलब है कि सरकार उन सभी चालू खातों का हिसाब रखती है, जिनसे 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा की निकासी की जाती है। इसके अलावा, बैंक कुछ बचत खातों का हिसाब-किताब भी सरकार को देते हैं।
सरकार नकदी की आवाजाही कम कर डिजिटल ट्रांजेक्शन को भी बढ़ावा देना चाहती है, और बजट का यह प्रस्ताव भी उसी दिशा में एक कदम है। ऐसा माना जा रहा है कि ज्यादातर कारोबारियों, कंपनियों को बड़ी मात्रा में नकदी निकालने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि अब ऑनलाइन ट्रांसफर का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘एक साल में बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी की निकासी पर दो प्रतिशत का टीडीएस लिया जाएगा। इन प्रावधानों को प्रभावी बनाने के लिए आयकर अधिनियम और भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 में आवश्यक संशोधन किये जा रहे हैं।’
वित्त मंत्री ने कहा कि कम लागत पर भुगतान के लिए भीम यूपीआई, यूपीआई-क्यूआर कोड, आधार पे, एनईएफटी और आरटीजीएस जैसी कई डिजिटल भुगतान व्यवस्थाएं हैं। इन प्रणालियों का इस्तेमाल देश को नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाने के लिए किया जा सकता है।