चैनल हिंदुस्तान डेस्क: विज्ञान भवन में हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के मौके पर आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक मास्टर की भूमिका में नजर आए। उन्होंने बहुत सी जानकारियां भी दीं, तो कई ऐसे सवाल भी किए, जिन्हें हम रोजमर्रा की जिंदगी में नजरअंदाज कर जाते हैं। उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी के कई शब्दों का मतलब भी समझाया।
की अंकल शब्द की व्याख्या
भाषण के दौरान अमित शाह एक शब्द ‘अंकल’ के बारे में जिक्र किया। जिसका इस्तेमाल पिता के भाई के लिए भी होता है, मौसा के लिए भी होता है और फूफा कहना हो तो भी अंकल बोलते हैं। मामा के लिए भी अंकल चलता है। ऐसे 18 रिश्ते हैं, जिनके लिए अंग्रेजी के ‘अंकल’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। हिंदी में भले ही उन सभी रिश्तों की व्याख्या अलग-अलग होती है, लेकिन अंग्रेजी में एक ही शब्द अंकल कह कर निश्चिंत हो जाते हैं। अमित शाह की इस बात पर विज्ञान भवन में मौजूद सभी व्यक्ति अपनी हंसी नहीं रोक पाए।
क्या है लव का मतलब?
केंद्रीय गृहमंत्री ने इसके अलावा अंग्रेजी के ‘लव’ शब्द का भी जिक्र किया। खास बात यह रही कि जब उन्होंने यह शब्द बोला तो लोगों के बीच पहले ही ठहाके सुनाई देने लगे। वे बोले, लव, आप सब इससे परिचित हैं। मां बेटे के बीच भी लव बोलते हैं, पति पत्नी के बीच लव होता है, नागरिक और देश के बीच भी लव होता है। भाई-बहन भी लव यू बोलते हैं। ये क्या हो रहा है। इसके विपरित जब आप हिंदी भाषा के मुताबिक इन रिश्तों पर विचार करेंगे, तो सारा कुछ अलग ही पाएंगे। हमारी मातृभाषा में इन सभी रिश्तों के लिए एक ही शब्द जैसे लव इस्तेमाल नहीं होता। हमारी भाषा एक ऐसी समृद्धि का प्रतीक है, जो दुनिया में सर्वोच्च है। युवा पीढ़ी को आत्मचिंतन करना चाहिए कि वे अपने जीवन में हिंदी भाषा को समाहित करें। शाह ने कहा, हिंदी एक वह भाषा है, जिसे बोलने पर हम सभी गौरवान्वित महसूस करते हैं।
कांग्रेस अधिवेशनों में भी हिंदी को प्रोत्साहन मिला था
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, आजादी से पहले जो भी आंदोलन हुए उनसे हिंदी भाषा को खासा प्रोत्साहन मिला था। आजादी की लड़ाई के दौरान कांग्रेस अधिवेशनों में विभिन्न राज्यों के और अलग-अलग भाषा संस्कृति वाले प्रतिनिधि भाग लेते थे। यहां वे सब तरह की जानकारी हिंदी में ही हासिल करते थे। उसके बाद जब वे अपने-अपने इलाके में जाते तो बहुत सी बातें हिंदी में बताते थे। इससे भी हिंदी का प्रचार-प्रसार हुआ।
उत्तर-पूर्व राज्यों में हिंदी सिखाएगी सरकार
महात्मा गांधी कहते थे कि राष्ट्र भाषा के बिना राष्ट्र गूँगा है। डॉ. राम मनोहर लोहिया कहते थे कि हिंदी के बिना लोकराज संभव नहीं है। शासन की भाषा अगर जनता न समझे तो उस लोकतंत्र का कोई फायदा नहीं है। उत्तर-पूर्व के राज्यों में अब केंद्र सरकार हिंदी सिखाने में मदद करेगी। शाह के मुताबिक, जब मैं वहां के मुख्यमंत्रियों से मिला, तो मुझे पता चला कि लोग वहां हिंदी सीखने के लिए प्राइवेट टयूशन लगा रहे हैं। वहां के लोगों की हिंदी के प्रति चाहत को देखकर यह फैसला लिया गया है कि अब उन्हें केंद्र सरकार हिंदी सिखाएगी। इसके लिए उन राज्यों को हर तरह की मदद दी जाएगी।