प्रसंजीत धर: शनिवार को पुलिस कमिश्नर हुमायूं कबीर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिलीप राम के हत्या के अभियुक्तों को मीडिया के सामने पेश किया। अभियुक्तों ने मीडिया के सामने कबूल किया कि उन्होंने दिलीप राम की हत्या का षड्यंत्र रचा इसके बाद उनकी हत्या की घटना को अंजाम दिया।
दिलीप राम के के हत्या के आरोप में पुलिस के गिरफ्त में आए अभियुक्तों के नाम मंगल यादव, वैद्यनाथ राय उर्फ हेडेक और मोहम्मद नसीम हैं। पुलिस ने अभियुक्तों के पास से तीन आग्नेयास्त्र, दर्जनों जिंदा कारतूस के साथ दिलीप राम के हत्या में उपयोग में लाई गई बंदूक एवं कारतूस को भी बरामद कर लिया है। इसके अलावा पुलिस इस मामले में अन्य अभियुक्तों की तलाश में सरगर्मी से जुटी है। पुलिस कमिश्नर ने बताया की तृणमूल नेता की हत्या से पहले ही उनकी गतिविधियों पर अभियुक्त नजर रख रहे थे।
इस घटना की मुख्य अभियुक्त बैंडेल के शकुंतला लॉज की मालकिन शकुंतला यादव उर्फ समुद्री यादव है जो अभी तक फरार है। उन्होंने बताया कि शकुंतला यादव के बेटे मंगल यादव का दिलीप राम के हत्यारों के साथ सीधा संपर्क था। मंगल यादव ने ही टीटागढ़ के सुपारी किलर मोहम्मद नसीम को दिलीप राम के हत्या की सुपारी दी और उसी से दिलीप राम पर गोली चलवाई। अन्य दो अभियुक्त घटना के दिन मौके पर मौजूद थे। अभियुक्तों ने मीडिया के सामने कुबूल किया कि उनको हत्या के लिए तीन लाख रुपए देने का किया गया था। पहले उन्हें डेढ़ लाख रुपए मिल चुके थे।
हुमायूं कबीर ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस के छापेमारी की जानकारी पुलिस का ही एक एएसआई अभियुक्तों तक पहुंचा रहा था। इसलिए उस एएसआई को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उस एएसआई का नाम उत्पल गुप्ता है। हुमायूं कबीर ने बताया कि रिमांड के आवेदन के साथ अभियुक्तों को अदालत में पेश किया जाएगा। वहीं संवाददाता सम्मेलन में पहुंची दिलीप राम की पत्नी रितु सिंह ने एक बार फिर ये दावा किया कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनके पति की हत्या की गई है।