चैनल हिंदुस्तान डेस्क: पश्चिम बंगाल में बांग्ला नववर्ष 1426 की शुरुआत के मौके पर सोमवार को कोलकाता समेत राज्य के अन्य हिस्सों में मौजूद मां काली के शक्तिपीठों में पूजा करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है।
कोलकाता के कालीघाट, दक्षिणेश्वर के विख्यात काली मंदिर, बीरभूम के तारापीठ और अन्य मंदिरों में सुबह 5:00 बजे से ही भक्तों का तांता लग गया था। दक्षिणेश्वर मंदिर का कपाट सुबह 5:30 बजे खोला गया जिसके बाद सुबह 10:00 बजे तक मां काली की पूजा के लिए लोगों की लंबी लाइन लगी रही। इसमें बड़ी संख्या में महिला, पुरुष, युवा, बुजुर्ग हर आयु वर्ग के लोग शामिल थे।
इसी तरह से कोलकाता के कालीघाट में भी पूजा करने वालों की भारी भीड़ थी। पुरुष धोती कुर्ता और महिलाएं लाल धारी वाली चमकती सफेद साड़ी जैसी पारंपरिक बंगाली परिधान पहनकर मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंची थीं। बड़ी संख्या में बच्चे नए -नए कपड़े पहनकर घर वालों के साथ मां काली के दर पर चहक रहे थे। वैशाख महीने की शुरुआत के साथ ही बांग्ला भाषी लोगों के नए साल की शुरुआत भी होती है।
इस दिन प्रत्येक बांग्ला भाषी के घर में मीठे पकवान बनाए जाते हैं और आस पड़ोस के लोगों को भी खिलाया जाता है। कारोबारी अपने पुराने बही खाते पूरा कर नए बही खाते की शुरुआत पूजा पाठ के बाद करते हैं। इसलिए सुबह से ही पुरोहित भी प्रत्येक क्षेत्र में शंख और घंटी लेकर पूजा कराते हुए नजर आए हैं। इस मौके पर लोग अपने-अपने रिश्तेदारों के घर भी शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए पहुंचे हैं।