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अभिव्यक्ति

गौरवान्वित है भारत भूमि कि इस धरा पर जन्मा कलाम है

कवयित्री अनु नेवटिया की कविता के माध्यम से भारत रत्न स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम को शत् शत् नमन। विज्ञान उनका धर्म था, करते देश की आराधना थे प्रकृति की प्रगति की ही करते हमेशा साधना थे वस्त्र आभूषण के दिखावे से दूर सरलता उनकी गुणवत्ता थी स्वार्थ-लालच उनमें कभी भर …

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महात्मा गाँधी की जीवन-दृष्टि का अनुसरण करें

भारत देश के आधुनिक इतिहास तथा स्वतंत्र भारत के उत्थान की गाथा में जिन विभूतियों के नाम सदा के लिये अंकित हो गये हैं, जो सनातन काल से चलती आयी भारत की इतिहास गाथा के एक पर्व बन जायेंगे, पूज्य महात्मा गाँधी का नाम उनमें प्रमुख है। भारत आध्यात्मिक देश …

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ये कैसी कुर्बानी कैसा बलिदान है

कवयित्री- अनु नेवटिया मुस्लिम की कटार हो या हिन्दू की तलवार हो कुर्बानी का हो दिन या बली प्रथा प्राचीन सर क्यों उसी का काटा जाता है जिससे नहीं कोई तेरा नाता है ये कैसी कुर्बानी कैसा बलिदान है हे! हाड़ मांस के पुतले क्या वाकई तू इंसान है? किसी …

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मोदी का प्रण पूरा- व्यर्थ नहीं गया डा. मुखर्जी का बलिदान: विजयवर्गीय

कश्मीर के लाल चौक में अब शान से फहरायाएगा तिरंगा। पूरे जम्मू-कश्मीर में अब तिरंगा ही फहराएगा। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त करने के फैसले से 23 जून 1952 में देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की …

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कविता – मैंने देखा था कुछ लड़कों को..

मैंने देखा था कुछ लड़को को जो बिलकुल अंधविश्वासी न थे नहीं मानते थे वो कि बुरा होता है बिल्ली का रास्ता काटना , मीठे मुँह कहीं बाहर जाना। नहीं मानते थे वो कि असर करता है निम्बू मिर्चा दुआरे टांगना , लूण राइ से नज़र उतारना। पर पुरे मैच …

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प्रदेश भाजपा की गाड़ी पर दक्ष चालक बैठायें शाह

देबाक बंद्योपाध्याय 30 जून, रविवार, नयी दिल्ली, अमित शाह ये वही स्थान काल व पात्र हैं, जिसकी तरफ बंगाल भाजपा नजर गड़ाये हुई है. इस दिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. पश्चिम बंगाल भाजपा की वर्तमान स्थिति को लेकर रिपोर्ट देने के दौरान …

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संघ और राजनीति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्थापना के समय से ही स्वयं को सम्पूर्ण समाज का संगठन मानता, बताता रहा है। स्वतंत्रता के पश्चात भी संघ की इस भूमिका में कोई अंतर नहीं आया। इसलिए स्वतंत्रता के पश्चात 1949 में संघ का जो संविधान बना उस में भी यह स्पष्ट है कि यदि …

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