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जानें हनुमान जयंती कब मनाई जाती है और क्या मान्यताएं हैं

चैनल हिंदुस्तान के तरफ से आप सभी को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं।

भगवन हनुमान जी के जन्‍मोत्‍सव को देश भर में हनुमान जयंतीके रूप में मनाया जाता है। मान्‍यता है कि पर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के परम भक्‍त श्री हनुमान ने श‍िव के 11वें अवतार के रूप में माता अंजना की कोख से जन्‍म लिया था। हिन्‍दुओ में हनुमान जयंती की विशेष मान्‍यता है।
कहा जाता है कि हनुमान के स्‍मरण मात्र से ही सभी कष्‍ट दूर हो जाते हैं और भक्‍तों को किसी बात का भय भी नहीं सताता। हिन्‍दू मान्‍यताओ में श्री हनुमान को परम बलशाली और मंगलकारी माना गया है।

जानें हनुमान जयंती कब मनाई जाती है?

हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा को श्री हनुमान जयंती मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक हनुमान जयंती हर साल मार्च या अप्रैल महीने में आती है। इस बार 19 अप्रैल को हुनमान जयंती है। आपको बता दें कि भक्‍त अपनी-अपनी मान्‍यताओं के अनुसार साल में अलग-अलग दिन हनुमान जयंती मनाते हैं। हालांकि उत्तर भारत में चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली हनुमान जयंती अधिक लोकप्रिय है।

हनुमान जयंती का महत्‍व

भक्‍तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्‍व है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्‍न करने के लिए भक्‍त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। मान्‍यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्‍न होकर भक्‍तों पर कृपा बरसाते हैं। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है। घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है। शाम की आरती के बाद भक्‍तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है। श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है।

कैसे करें पूजा

  • हनुमान जयंती के दिन सुबह-सवेरे उठकर सीता-राम और हनुमान जी को याद करें।
  • स्‍नान करने के बाद ध्‍यान करें और व्रत का संकल्‍प लें।
  • इसके बाद स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण कर पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा को स्‍थापित करें। मान्‍यता है कि हनुमान जी मूर्ति खड़ी अवस्‍था में होनी चाहिए।
  • पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें: ‘ॐ श्री हनुमंते नम:’।
  • इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
  • हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाएं।
  • मंगल कामना करते हुए इमरती का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है।
  • हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • आरती के बाद गुड़-चने का प्रसाद बांटें।

हनुमान जयंती के दिन बरतें ये सावधानियां

  • हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्‍व है। ऐसे में नहाने के बाद साफ-धुले कपड़े ही पहनें।
  • मांस या मदिरा का सेवन न करें।
  • अगर व्रत रख रहे हैं तो नमक का सेवन न करें।
  • हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और स्‍त्रियों के स्‍पर्श से दूर रहते थे। ऐसे में महिलाएं
  • हनुमन जी के चरणों में दीपक प्रज्‍ज्‍वलित कर सकती हैं।
  • पूजा करते वक्‍त महिलाएं न तो हनुमान जी मूर्ति का स्‍पर्श करें और न ही वस्‍त्र अर्पित करें।
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