चैनल हिंदुस्तान डेस्क: बेंगलुरु स्थित इसरो(ISRO) मुख्यालय में चेयरमैन डॉक्टर के सिवन ने मीडिया ब्रीफिंग के जरिए चंद्रयान 2 के लूनर ऑर्बिट में प्रवेश के बाद चंद्रयान 2 की आगे की राह के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगला अहम चरण 2 सितंबर को होगा जब ऑर्बिटर से लैंडर निकल जाएगा। इसके बाद हमें दोनों हिस्सों का नियंत्रण करना होगा। इसका सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट और यू ट्यूब चैनल के जरिए किया गया। इसरो ने अपने ट्वीटर हैंडल के जरिए इस बात की जानकारी पहले ही दे दी थी।
उन्होंने आगे बताया कि 7 सितंबर को प्रात:काल 1:55 बजे लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर सतह पर लैंड करेगा। यह लैंडिंग के दौरान की अवधि काफी खतरनाक होगी। इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद पत्रकारों के सवालों का जवाब बेहतरीन और रोचक तरीके से जवाब दिया।
सबसे पहले उन्होंने इस मीडिया ब्रीफिंग में होने वाली देरी के लिए माफी मांगी। सिवन ने बड़ी ही रोचक तरीके से चंद्रयान 2 के मिशन के बारे में समझाया। उन्होंने हाथ में चंद्रयान 2 का एक मॉडल हाथ में ले रखा था जिसके जरिए उन्होंने बताया कि किस तरह ऑर्बिटर से लैंडर अलग होगा और फिर काम करेगा।
इसरो अध्यक्ष के सिवन से मीडिया ब्रीफ के दौरान एक पत्रकार ने सवाल किया कि चंद्रयान 2 मिशन पर अगर फिल्म बनाने की बात होगी तो क्या इसरो इसपर कॉपीराइट रखता है। इसपर इसरो अध्यक्ष ने हंस कर जवाब दिया कि अभी तक इस बारे में किसी ने संपर्क नहीं किया है।
चंद्रयान 2 की लैंडिंग 7 सितंबर को रात 1.55 पर होगी। इसके साथ ही पावर मिशन शुरू हो जाएगा। इसरो की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि अभी पीएम की ओर से आने की पुष्टि नहीं की गई है।
इसरो अध्यक्ष ने बताया, ‘मिशन का अहम दौर पूरा हुआ। इसके साथ ही अंतरिक्ष में इसरो में ने इतिहास रच दिया। उन्होंने बताया कि आज सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर हुआ पर चंद्रयान 2 चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया अब यह 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा।’
मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इसरो अध्यक्ष के सिवन से तमाम तरह के सवाल पूछे गए जिसका उन्होंने बड़ी ही आसानी से जवाब दिया। साथ ही उन्होंने मिशन से जुड़ी सभी जानकारियों को शेयर किया।
इसरो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के बाद चंद्रयान 2 की गति धीमी हो जाएगी। साथ ही ऑनबोर्ड प्रपल्शन सिस्टम को फायर किया जाएगा ताकि यान चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव में आ सके। इसरो के अध्यक्ष ने जानकारी दी थी कि चंद्रयान-2 के चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद इसरो कक्षा के अंदर स्पेसक्राफ्ट की दिशा में पांच बार बदलाव करेगा।
इसके बाद यह चंद्रमा के ध्रुव के ऊपर से गुजरकर उसके सबसे करीब- 100 किलोमीटर की दूरी की अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच जाएगा। इसके बाद विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान-2 से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (IDSN) के एंटीना की सहायता से बेंगलुरु के इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) से मिशन ऑपरेशन कंपलेक्स (MOX) से स्पेसक्राफ्ट की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। इसके अनुसार अभी तक चंद्रयान-2 के सभी सिस्टम बेहतर स्थिति में हैं।
चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसरो के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी-मार्क 3 की मदद से प्रक्षेपित किया गया था। चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं- ऑर्बिटर, लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’।