चैनल हिंदुस्तान डेस्क: भारत के ‘मिशन शक्ति’ पर अमेरिका की दो प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। अमेरिका ने कहा है कि वह भारत के साथ मजबूत रणनीतिक साझेदारी को आगे भी कायम रखेगा। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने एक बयान में कहा है कि वह अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देशों के साझा हितों एवं अंतरिक्ष में सुरक्षा पर सहयोग सहित वैज्ञानिक और तकनीकी मदद को आगे भी जारी रखेगा। हालांकि, उसने यह भी कहा है कि अंतरिक्ष मलबे का मुद्दा संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।
अमेरिका की इस प्रतिक्रिया को भारत एक सकारात्मक रूख के रूप में देख रहा है। उसके इस बयान से यह तय हो गया है कि अमेरिका दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत की सुरक्षा एवं सामरिक चिंताओं से पूरी तरह से वाकिफ है। खास बात यह है कि अमेरिका का यह बयान ऐसे समय आया है, जब पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन ने अपना पाकिस्तानी प्रेम जाहिर किया था। चीन ने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को विश्व आंतकी घोषित करने में अड़ंगा लगाया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन ने चौथी बार मसूद को लेकर वीटो पावर का इस्तेमाल किया। ऐसे में भारत के प्रति उदार अमेरिकी रूख निश्चित रूप से चीन के लिए भी सबक होगा। गौरतलब है कि जैश को भारत, अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों ने एक मुख्य आतंकवादी संगठन बताया है और अपने यहां जारी आतंकी संगठनों की सूची में इसे शामिल किया है।
ज्ञात हो कि भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को करीब 12.30 बजे देश को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने कुछ देर पहले अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट को मार गिराया है। ऐसा करके भारत दुनिया का चौथा मुल्क बन गया है, जिसके पास यह उच्च तकनीक हासिल है। अभी तक यह तकनीक अमेरिका, रूस और चीन के पास ही थी। अंतरिक्ष में होने वाला ये मिशन पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण जैसा ही था। इस परीक्षण के बाद भारत ने एक बार फरि दुनिया में अपना लोहा मनवाया है।