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ओडिशा में नवीन पटनायक का विकल्प नहीं दे पाया भाजपा

चैनल हिंदुस्तान डेस्क: ओडिशा के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई सरकार लगातार पांचवीं बार चुनी गयी है। सब लोग सोच रहे थे भाजपा के साथ उसकी जोरदार टक्कर होगी और एक चैलेंजर के रूप में भाजपा, बीजद को जोरदार चैलेंज देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे साबित होता है कि एक नेता के तौर पर नवीन पटनायक अभी भी लोगों के मन में सबसे विश्वसनीय, सबसे अच्छा प्रदर्शन करनेवाले नेता के रूप में छाये हुए हैं। लोग नवीन पटनायक के विकल्प के रूप में किसी को भी देख नहीं पा रहे हैं। दूसरे, यहां दो विरोधी दल हैं, बीजेपी और कांग्रेस।

कांग्रेस चुनाव इस बार लड़ी ही नहीं। कांग्रेस एक राष्ट्रीय दल है और ओडिशा पर उसका बहुत वर्ष तक शासन भी रहा है, इस बार सही तरीके से अपने उम्मीदवार का चयन नहीं किया। जिस तरीके से उसकी सांगठनिक कमजाेरी सामने आयी, उसे देखते हुए नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस के नेता चुनाव हारने की बात स्वीकार कर चुके थे। ओडिशा की राजनीति में बीजद और भाजपा के बीच ही टक्कर हुई है।लेकिन यहां की 147 सीटों पर बीजेडी के एक प्रभुत्व को चैलेंज करने के लिए बीजेपी के पास ऑर्गनाइजेशनल स्ट्रेंथ नहीं था और दूसरी बात है कि नवीन पटनायक के विरुद्ध वहां कौन है? ओडिशा के लोगों के सामने यह विकल्प भी भाजपा प्रस्तुत नहीं कर पायी।

वहां नवीन पटनायक के सामने कोई वैकल्पिक नेतृत्व नहीं था, सांगठनिक तौर पर भाजपा इस स्थिति में नहीं थी कि वह बीजद को चैलेंज कर सके। तो ऐसी स्थिति में ओडिशा के लोगों ने फिर से नवीन पटनायक में अपना विश्वास व्यक्त किया है।

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि नवीन पटनायक ने ओडिशा में बहुत सारे पॉपुलर स्कीम शुरू किये हैं। यहां जन्म से लेकर मरण तक हर एक वर्ग के लोगों के लिए, हर एक तबके के लोगों के लिए कुछ न कुछ कल्याणकारी योजनाएं हैं, जिसे हम थ्रीबी कहते हैं। तीसरे, नवीन पटनायक के ऊपर व्यक्तिगत तौर पर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का कोई अभियोग नहीं है। उनके बहुत सारे विधायक, नेता, मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे, तो उन्होंने बहुत से लोगों को हटाया भी है। लेकिन उनकी इमेज पर अभी तक किसी तरह का कोई दाग नहीं लगा है। इसके अलावा, ग्रासरूट लेवल पर हर गांव में, और हर जगह बीजद का जो ऑर्गनाइजेशनल मेकेनिज्म है, ऑर्गनाइजेशन की जो स्थिति और उपिस्थिति है, वैसी अभी तक भाजपा और कांग्रेस किसी की भी नहीं है।पर इसके बावजूद यहां लोगों के मन में था कि लोकसभा के लिए मोदी व विधानसभा के लिए नवीन को मत देना है।

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