चैनल हिंदुस्तान डेस्क: पाकिस्तान की खस्ताहाल हालत अब लोगों पर भारी पड़ रही है। पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। इस वजह से वहां पर खाने-पीने और अन्य जरूरी चीजों की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है। एक डॉलर की कीमत पाकिस्तान में 148 रुपये तक पहुंच गई। इससे पहले यह करीब 141 के आसपास बनी हुई थी। इतना ही नहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी मुद्रा एशिया की 13 अन्य मुद्राओं में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी रही है। इसमें करीब 20 फीसद तक गिरावट देखने को मिली है।
बता दें कि पिछले सप्ताह ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और पाकिस्तान के बीच छह अरब डॉलर के राहत पैकेज को लेकर शुरुआती सहमति बनी है। लेकिन इससे भी यहां के आर्थिक हालात सुधरने की संभावना कम ही दिखाई दे रही है महंगाई ने यहां पर पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है। इसकी वजह से एक दर्जन संतरे 360 रुपये तो नीबू और सेब की कीमत 400 रुपये किलो तक हो गई है।
आलम ये है कि पाकिस्तान के लोग ही अब वहां के बदत्तर हो रहे आर्थिक हालात और आसमान छूती महंगाई को सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया को बता रहे हैं। यहां पर महंगाई का आलम ये है कि रमजान के पवित्र माह में महंगाई लोगों पर भारी पड़ रही है। पिछले सप्ताह रमजान माह की शुरुआत में ही यहां पर सरकार ने गैस और तेल के दामों में जबरदस्त वृद्धि की थी। इसकी वजह से भी यहां पर चीजों के दाम अचानक बढ़ गए हैं।
स्थानीय लोगों ने इस बारे में ट्वीट कर कहा है कि महंगाई सरकार के काबू से बाहर हो चुकी है। 150 रुपये दर्जन केले, मटन 1100 रुपये किलो, चिकन 320 रुपये किलो और एक लीटर दूध के लिए लोगों को 120 से 180 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। इसमें भी यह भाव जगह के हिसाब से बदल भी रहे हैं।
पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई की गाज सिर्फ दूध पर ही नहीं गिरी है बल्कि वहां पर मार्च के मुकाबले अब प्याज की कीमत में करीब 40 फीसद, टमाटर 19 फीसद, चिकन 16 फीसद मूंग की दाल 13 फीसद, ताजे फल 12 फीसद गुड़ तीन फीसद चीनी 3 फीसद, बींस डेढ़ फीसद, मछली, मसाले व अन्य दालें, घी चावल, बेकरी से बने उत्पाद, आटा, कुकिंग ऑयल, चाय, गेंहू की कीमतों में एक-सवा फीसद की तेजी देखने को मिली है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान बीते पांच वर्षों के दौरान सबसे अधिक आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहा है। पाकिस्तान में महंगाई पिछले पांच साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। मार्च महीने में महंगाई 9.4 फीसदी तक पहुंच गई। महंगाई बढ़ने, रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाकर 10.75 फीसदी कर दी हैं। वहीं दूसरी तरफ उस पर एफएटीएफ की तलवार भी लटकी है जो उसको काली सूची में डाल सकती है। यदि ऐसा हुआ तो पाकिस्तान भूखमरी तक का शिकार हो सकता है। यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि सऊदी अरब की तरफ से पाकिस्तान को अरबों रुपये की मदद दी गई है, लेकिन इससे भी कुछ फर्क पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है।