चैनल हिंदुस्तान डेस्क: लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड हासिल करने के बाद गुरुवार को दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है। राष्ट्रपति भवन में होने वाले इस समारहो में पांच हजार से ज्यादा मेहमान आएंगे। राष्ट्रपति भवन किसी एक कार्यक्रम के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोगों के लिए मेहमाननवाजी करने वाला है।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनका मंत्रिमंडल भी शपथ लेगा। शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के बाहरी प्रांगण में होगा। मुख्य द्वार और मुख्य भवन के बीच एक भव्य रास्ता बनाया जाएगा, जिसका इस्तेमाल राज्य के प्रमुखों और देशों के शासनाध्यक्षों के औपचारिक स्वागत के लिए किया जाएगा।
कयास लगाया जा रहा था कि शपथ ग्रहण समारोह भव्य और दिव्य होगा लेकिन कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी की तरफ से निर्देश मिले हैं कि समारोह को साधारण और गंभीर रूप दिया जाए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस समारोह का काम देख रहे एक अधिकारी ने बताया एक गंभीर अवसर को ध्यान में रखते हुए इसे सादगीपूर्ण और गरिमामय बनाने पर जोर दिया गया है। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक समूह के सदस्य देशों बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड के अलावा मॉरीशस और किर्गीजस्तान के प्रमुखों को निमंत्रित किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक सभी आठ नेताओं के पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की स्वीकृति दे दी है। बांग्लादेश, म्यांमार और किर्गीजस्तान के राष्ट्रपति जहां कार्यक्रम में शरीक होंगे वहीं नेपाल, भूटान व मॉरीशस के प्रधानमंत्री शामिल होंगे।
यह चौथा मौका है जब प्रधानमंत्री पद की शपथ दरबार हॉल की जगह राष्ट्रपति भवन के बाहरी प्रांगण में होगा। पहली बार चंद्रशेखर ने 1990 में बाहरी प्रांगण में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयर ने 1998 में और इसके बाद 2014 में नरेंद्र मोदी ने बाहरी परिसर में शपथ ग्रहण की थी। 2014 में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सार्क देशों के प्रमुखों के अलावा करीब 4000 मेहमानों ने हिस्सा लिया था। इस बार समारोह में 14 देशों के प्रमुख, कई देशों के राजदूत, बुद्धिजीवी, राजनीतिक कार्यकर्ता, फिल्म स्टार और सिलेब्रिटी को बुलाया गया है। इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियों के प्रमुखों के अलावा कई वरिष्ठ राजनेताओं को भी बुलाया गया है।