चैनल हिंदुस्तान डेस्क: फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी 7 समिट में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम मोदी ने शुक्रवार को UNESCO में भारतीयों को संबोधित किया। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जैसे ही पीएम मोदी स्टेज पर पहुंचे, लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाना शुरू कर दिया। इस दौरान लोगों को काफी समझाने की कोशिश की गई, लेकिन लोग लगातार मोदी-मोदी के नारे लगाते रहे। इसके बाद पीएम मोदी ने खुद कहा कि पहले राष्ट्रगान होगा। इसके बाद लोग शांत हो गए।
कश्मीर मुद्दे पर इशारा करते हुए कही ये बात
कश्मीर मुद्दे और अनुच्छेद 370 पर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब देश में टेंपरेरी की कोई जगह नहीं है, गांधी और बुद्ध के देश में टेंपरेरी को निकालते-निकालते 70 साल चले गए। मुझे यह समझ मेंं नहींं आ रहा है कि इसपर हंसना है या रोना। पीएम मोदी ने की भारत और फ्रांस की दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश अच्छे दोस्त हैं। अच्छे दोस्त का मतलब होता है सुख दुख का साथी। साथ ही दोनों देशों की दोस्ती पर उन्होंने कहा कि फ्रांस के फुटबॉल में वर्ल्ड चैंपियन बनने पर भारत ने भी जमकर जश्न मनाया था।
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की राह पर देष
REFORM PERFORM AND TRANFORM का नारा देते हुए कहा कि देश अब इस राह पर चल पड़ा है और जल्द ही मंजिल को भी प्राप्त करेगा। आज 21 वीं सदी में हम इन्फ्रा की बात करते हैं। मैं कहना चाहूंगा कि मेरे लिए ये IN + FRA है, जिसका अर्थ है भारत और फ्रांस के बीच गठबंधन।
उन्होंने पहले विश्व युद्ध का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 9000 भारतीय सैनिकों ने जान दी थी। यहां रहने वाले हर भारतीय को ये आंकड़ा नहीं भूलना चाहिए। फासीवाद का मुकाबला भारत और फ्रांस ने साथ-साथ किया है। भारत और फ्रांस आज सोलर से लेकर कई अन्य क्षेत्रों में एक साथ आगे बढ़ रहे हैं।
नई सरकार बनते ही लिए कई बड़े फैसले
पीएम मोदी ने कहा कि नई सरकार को बने अभी ज्यादा दिन नहीं हुए है। हमने समय बर्बाद नहीं किया और कई बड़े फैसले लिए। सरकार बनने के साथ जल शक्ति नाम का नया मंत्रालय बना दिया गया, जो जल समस्या संबंधित समस्याओं का समाधान करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि आज अगर भारत और फ्रांस दुनिया के बड़े खतरों से लड़ने में नजदीकी सहयोग कर रहे हैं तो उसका कारण भी यह साझा मूल्य ही है। फिर चाहे वह आतंकवाद हो या जलवायु परिवर्तन। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मूल्यों को इन खतरों से बचाने की हमारी साझा जिम्मेदारी है। दोनों ही देशों ने इसे भली भांति से स्वीकार भी किया है।