चैनल हिंदुस्तान डेस्क: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने दावा किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होने के 6 महीने बाद ही दोबारा से महागठबंधन में शामिल होना चाहते थे। साथ ही कहा कि इसके लिए प्रशांत किशोर ने पांच बार लालू से मुलाकात की थी। लालू के इस दावे को प्रशांत किशोर ने खारिज कर दिया है और उन्होंने कहा कि ये सारी बातें बकवास हैं।
जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू प्रसाद यादव का ये दावा बेबुनियाद है। ये फिजूल की बाते हैं। लालू ने अपने आप को चर्चा में बनाए रखने के लिए एक नाकामयाब कोशिश की है। लालू के अच्छे दिन अब पीछे रह गए हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा, ‘हां मैंने जदयू ज्वाइन करने से पहले लालू यादव से मुलाकात की थी लेकिन ऐसी कोई बात नहीं हुई थी। अगर मुझसे ये पूछा जाए कि लालूजी से क्या-क्या बातें हुई और अगर मैंने बता दिया तो लालू जी को काफी शर्मिंदगी महसूस होगी।’
ज्ञात हो कि लालू यादव ने अपनी किताब ‘गोपालगंज टू रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी’ में दावा किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोबारा से गठबंधन का हिस्सा बनना चाहते थे। इसके लिए नीतीश कुमार ने अपने सहयोगी प्रशांत किशोर को 5 बार उनके पास बातचीत के लिए भेजा। लेकिन लालू ने नीतीश को वापस महागठबंधन में लेने से साफ इनकार कर दिया।
लालू की इस किताब को मानें तो उन्होंने नीतीश कुमार की महागठबंधन में दोबारा एंट्री पर इसलिए रोक लगा दिया क्योंकि नीतीश ने उनका भरोसा तोड़ दिया था और वह उन पर दोबारा विश्वास नहीं कर सकते थे। लालू ने इस किताब में कहा है कि उन्हें नीतीश कुमार से कोई नाराजगी नहीं थी, मगर उन्हें इस बात को लेकर चिंता थी कि अगर उन्होंने प्रशांत किशोर की बात मानकर नीतीश को दोबारा महागठबंधन में शामिल कर लिया तो बिहार की जनता इसको किस तरीके से लेगी।