चैनल हिंदुस्तान डेस्क: पांच सितंबर यानी शिक्षक दिवस। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 1962 से हर वर्ष पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। गुरु-शिष्य की अनूठी परंपरा के प्रवर्तक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 40 वर्षों तक शिक्षक के रूप में कार्य किया।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन सिर पर सफेद पगड़ी, सफेद रंग की धोती और कुर्ता. कुर्ता हमेशा बंद गले का होता था। इसी लिबास में वह हमेशा नजर आते थे। यह लिबास उन्हें बेहद पसंद था। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह अपने विद्यार्थियों का स्वागत हाथ मिलाकर करते थे।
ज्ञात हो कि देश के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही वे किताबें पढ़ने के शौकीन थे। स्वामी विवेकानंद और वीर सावरकर से वह काफी प्रभावित थे।
राधाकृष्णन ने उच्च शिक्षा विदेश से ग्रहण किया। उन्होंने देश और विदेश के कई विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया। वह 1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। इसके बाद 1936 से 1952 तक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर रहे और 1939 से 1948 तक वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर आसीन रहे।
40 वर्षों तक उन्होंने शिक्षक के रूप में कार्य किया। 1954 में देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया गया। भारत रत्न, ऑर्डर ऑफ मेरिट, नाइट बैचलर और टेम्पलटन समेत कई सम्मानों से उन्हें नवाजा गया है।
1952 से 1962 के बीच वह देश के उपराष्ट्रपति रहे। 1962 में डॉ राजेंद्र प्रसाद का कार्यकाल खत्म होने के बाद राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति का पद संभाला। 1962-67 तक वह देश के राष्ट्रपति रहे। चेन्नई में 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया, लेकिन एक आदर्श शिक्षक और दार्शनिक के रूप में वह आज भी सभी के लिए प्रेरणादायक हैं।