चैनल हिंदुस्तान डेस्क: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज अबुधाबी में होने वाली ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा ले रहीं हैं, उन्होंने अपने संबोधन में आतंकवाद का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है। जहां इंसानियत को सर्वोपरि माना जाता है। हम यह मानते हैं कि संस्कृति का संस्कृति से मिलाप होना चाहिए। दुनिया का कोई भी धर्म हिंसा को बढ़ावा नहीं देता। इस्लाम, हिंदू या विश्व के किसी भी अन्य धर्म में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। मैं महात्मा गांधी के देश से हूं जिनकी हर प्रार्थना शांति की कामना से खत्म होती थी, इसलिए हम अपने देश और क्षेत्र में शांति चाहते हैं। हमारे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने भी कहा था कि जब देश में शांति होती है तो विश्व में शांति होती है और विश्व तरक्की करता है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में इस बैठक में हिस्सा ले रही हैं। हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस बैठक का बहिष्कार किया है।
स्वराज दो दिवसीय ओआईसी की बैठक के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया। भारत को 57 इस्लामिक देशों के समूह ने पहली बार अपनी बैठक में आमंत्रित किया है। उन्हें विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में भारत और ओआईसी के बीच यह नया संबंध स्थापित हो रहा है। मंगलवार को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर भारत के हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और तनावपूर्ण हुए हैं।
भारत को संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री एचएच शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाह्यान ने विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर हमले के बाद इस्लामाबाद ने प्रयास किया था कि ओआईसी के लिए स्वराज का आमंत्रण रद्द हो जाए।