चैनल हिंदुस्तान डेस्क: मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को लोकप्रिय चीनी वीडियो ऐप टिक-टॉक (TikTok) पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि यह ऐप अश्लीलता को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही कोर्ट ने मीडिया को भी इस ऐप के जरिए बनाए गए वीडियो का टेलीकास्ट नहीं करने के निर्देश दिए हैं। ज्ञात हो कि टिक-टॉक ऐप पर वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया जा सकता है। भारत में मौजूदा समय इसके कुल यूजर्स करीब 5 करोड़ 40 लाख से अधिक हैं।
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै बेंच ने बुधवार को ऐप के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने कहा कि जो बच्चे टिक-टॉक ऐप का यूज कर रहे हैं वो यौन शोषकों के संपर्क में आने से सुरक्षित नहीं हैं। टिक-टॉक ऐप के खिलाफ मदुरै के सीनियर वकील और सामाजिक कार्यकर्ता मुथु कुमार ने याचिका दायर की थी। उन्होंने इसमें पोर्नोग्राफी, सांस्कृतिक गिरावट, चाइल्ड अब्यूज, आत्महत्याओं का हवाला देते हुए इस ऐप पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की हाईकोर्ट से अनुरोध किया था।
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एन किरूबाकरण और एसएस सुंदर ने केंद्र सरकार को 16 अप्रैल से पहले जवाब देने का भी निर्देश दिया है। साथ ही निर्देशित किया कि क्या वह अमेरिका में बच्चों को ऑनलाइन शिकार से बचने के लिए बनाए गए चिल्ड्रन ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट की तरह कोई नियम लागू करना चाहता है तो कोर्ट को अवगत कराएं।