चैनल हिंदुस्तान डेस्क: कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा (SM Krishna) के दामाद और कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ (VG Siddartha) का शव बरामद कर लिया गया है। वह बीते दो दिनों से लापता थे। उनका शव मंगलुरू (Mangaluru) में नेत्रावती नदी (Netravati River) के नजदीक होइगे बाजार (Hoige Bazaar) में बरामद किया गया।
उनका 27 जुलाई का एक पत्र सामने आया था, जिसमें उन्होंने अपनी परेशानियों के बारे में बताया था। इस पत्र में उन्होंने कंपनी को हो रहे भारी नुकसान और कर्ज का भी जिक्र किया था। साथ ही आयकर विभाग के पूर्व डीजी के दबाव की बात भी कही थी।
मंगलुरु पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल (Sandeep Patil) ने अपने बयान में कहा है कि हमने एक शव बरामद किया है, जिसके पहचान की जरूरत है। हमने इसके लिए वीजी सिद्धार्थ के परिजनों को सूचित कर दिया है। हमने शव को वेनलॉक अस्पताल (Wenlock Hospital) में शिफ्ट किया है। हम मामले की छानबीन जारी रखे हुए हैं।
वीजी सिद्धार्थ (VG Siddartha) का शव मिलने की खबर पर श्रींगिरी (Sringeri) के विधायक टीडी राजेगौड़ा (TD Rajegowda) ने कहा कि सिद्धार्थ आयकर विभाग के टॉर्चर से परेशान थे। वह दो तीन संपत्तियों को बेचकर कर्जों से मुक्त होना चाहते थे।
दक्षिण कन्नड़ जिले के पुलिस उपायुक्त शशिकांत सेंतिल ने मंगलवार को बताया कि 60 वर्षीय वीजी सिद्धार्थ को आखिरी बार सोमवार शाम दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा क्षेत्र में नेत्रावती नदी के ऊपर बने पुल पर देखा गया था। सोमवार की दोपहर सिद्धार्थ बेंगलुरु से हासन जिले के लिए कार से रवाना हुए थे। रास्ते में उन्होंने ड्राइवर से मंगलुरु चलने को कहा। नेत्रवती नदी के पुल पर पहुंचने पर कार रुकवा दी। इसके बाद ड्राइवर से कहा, वह टहलने जा रहे हैं। इंतजार करो। दो घंटे बाद भी सिद्धार्थ के नहीं लौटने पर ड्राइवर ने पुलिस से संपर्क किया और लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई।
मंगलुरु के पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल ने सिद्धार्थ के लिखे पत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा, यह पत्र उन्होंने बोर्ड के निदेशकों को लिखा था। सिद्धार्थ के परिवार ने खुद ही उन्हें यह सौंपा है, इसलिए इस पर संदेह नहीं है। हम पत्र में लिखी बातों की भी पड़ताल कर रहे हैं। इसके लिए पुलिस टीम बेंगलुरु गई है, जहां परिजनों व कंपनी के कर्मचारियों से भी पूछताछ होगी। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स, तटरक्षक बल, होमगार्ड, अग्निशमन दल और पुलिस की टीमें सिद्धार्थ को तलाशने में जुटी थीं। 200 से अधिक पुलिसकर्मी, गोताखोरों के तीन दल 25 नौकाओं से उनकी तलाश कर रहे थे। हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही थी।