चैनल हिंदुस्तान डेस्क: लंबे सियासी घमासान के बाद अंततः कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन हुआ. कांग्रेस-जेडी(एस) की गठबंधन सरकार गिरने के बाद सत्ता में आई येदियुरप्पा सरकार ने सोमवार को विश्वास मत हासिल कर लिया।
इस दौरान विपक्ष ने मत विभाजन की भी मांग नहीं की। येदियुरप्पा के विश्वासमत जीतने के तुरंत बाद स्पीकर के आर रमेश ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सरकार के बहुमत परीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वो हर मिनट राज्य के विकास के लिए काम करेंगे।
कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा सरकार की फ्लोर टेस्ट की मुश्किल पार हो गई है। विपक्ष ने मत विभाजन की मांग नहीं की और येदियुरप्पा सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई। इसी के साथ सरकार अपने आगे के कामकाज में जुट गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा- मैंने 14 महीने तक सरकार चलाई है। मैं आपके सवालों के जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हूं। मुझे अपनी अंतरात्मा को जवाब देना है। पिछले 14 महीने से हर चीज का रेकॉर्ड है। लोग जानते हैं कि मैंने क्या किया है।
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि मैं किसी के खिलाफ बदले की राजनीति के साथ काम नहीं करता हूं इसलिए अब भी नहीं करूंगा। हमारी सरकार किसानों के लिए काम करना चाहती है, इसलिए मैं सभी से अपील करता हूं कि सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव का समर्थन करें।
विधानसभा में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि येदियुरप्पा कभी भी जनता के आशीर्वाद के साथ सीएम नहीं बने। ना आपके पास 2008 में बहुमत था, ना 2018 में और ना ही अब। जब उन्होंने शपथ ली तो सदन में 222 विधायक थे, लेकिन बीजेपी के पास 112 विधायक कहां हैं। उन्होंने कहा कि आप मुख्यमंत्री तो रहेंगे, लेकिन उसकी भी कोई गारंटी नहीं है। आप बागियों के साथ हैं, लेकिन क्या आप सरकार चला सकते हैं। मैं आपके विश्वास मत के प्रस्ताव का विरोध करता हूं।